The country is proud of Team India's victory

Editorial:टीम इंडिया की जीत से देश गौरवान्वित, अब विश्व कप दूर नहीं

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The country is proud of Team India's victory

क्रिकेट विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने जिस प्रकार न्यूजीलैंड को हरा कर फाइनल में प्रवेश किया है, वह 140 करोड़ देशवासियों को गौरवान्वित कर रहा है वहीं टीम इंडिया की एकजुटता और इस बार विश्व कप जीतने की उसकी प्रचंड लालसा को भी प्रतिध्वनित कर रहा है। क्रिकेट संभावनाओं का खेल है, इसमें कब क्या हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन अपने अभी तक के सभी मैच जीतकर सेमीफाइनल तक पहुंची टीम इंडिया ने दिखा दिया कि अगर इरादे दृढ़ हों तो सामने बड़ी से बड़ी चुनौती भी नहीं टिक सकती।

बुधवार को जब मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत-न्यूजीलैंड के बीच सेमीफाइनल खेला जा रहा था तो पूरे देश की टकटकी टीवी और मोबाइल फोनों की स्क्रीन पर लगी हुई थी, यह कितना रोमांचक है कि पूरा देश इस घटना का गवाह बन रहा था। भारतीय टीम का भाग्य भी साथ दे रहा है और कुशल रणनीति से वह अपने भाग्य को और धार दे रही है। यही वजह है कि टीम इंडिया हर बार पहले बल्लेबाजी को चुन रही है और इस मैच में भी उसने यही किया। यह मैच पूर्व कप्तान विराट कोहली के लिए भी ईश्वरीय कृपा रहा। उन्होंने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले महानतम क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के वनडे में 49 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 50 शतक का रिकॉर्ड बना दिया।

यह सेमीफाइनल बॉलर मोहम्मद शमी के सात विकेट लेने के लिए भी जाना जाएगा। यह कितना रोमांचक था कि जब-जब कप्तान रोहित शर्मा ने शमी को बॉल थमाई, शमी ने उन्हें निराश नहीं किया और एक-एक करके सात विकेट अपने नाम कर लिए। यह सात विकेट भी न्यूजीलैंड जैसी बेहद अनुशासित और प्रशिक्षित टीम के थे। न्यूजीलैंड वही टीम है, जिसने साल 2019 में वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में और साल 2021 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में टीम इंडिया को हराया था। लेकिन इस बार टीम इंडिया ने उसे हरा कर हार का बदला ले लिया। यह जीत कितनी बड़ी है, इसका पता इससे भी चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम इंडिया को बधाई दी और कहा कि भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई। अद्भुत बल्लेबाजी और अच्छी गेंदबाजी ने टीम को जीत दिलाई।

निश्चित रूप से पूरा देश इस बात को समझ रहा है कि टीम इंडिया में इस बार अद्भुत सामंजस्य नजर आ रहा है और कहीं कोई कटुता नहीं दिखती। इस टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा की कप्तानी में खेल रहे हैं। विराट कोहली को लेकर पीछे अनेक बातें सामने आई थी। टीम इंडिया के अंदर प्लेयर्स के सिलेक्शन पर भी सवाल उठे थे, लेकिन विश्व कप के दौरान जिस प्रकार से मोहम्मद शमी को लिया गया और कप्तान ने उन पर भरोसा जताया, उस भरोसे को उन्होंने कायम रखा और टीम इंडिया की जीत में अहम कड़ी साबित हुए।

यह सेमीफाइनल विराट कोहली के लिए सदैव यादगार रहेगा। विराट कोहली भारतीय क्रिकेट के पर्याय हैं। कैसे कोई इतना अद्भुत प्लेयर बन जाता है, विराट को देखकर इसकी रिसर्च करने का विचार उत्पन्न होता है। कहते हैं, श्रेष्ठता को किसी भी तरह से ढक कर नहीं रख सकते। विराट ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से इसे साबित किया है और अब वनडे में 50 शतक लगाकर वे दुनिया के पहले ऐसे क्रिकेटर बन गए हैं। उनके संबंध में सचिन तेंदुलकर जिनके नाम यह रिकार्ड था, ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि युवा लडक़ा एक विराट खिलाड़ी बन गया है। जाहिर है, सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट की दुनिया में यह मुकाम यूं ही हासिल नहीं कर लिया। वे क्रिकेट के भगवान कहलाते हैं और पूरी दुनिया जानती है कि यह पदवी उनके नाम के साथ जुडक़र खुद को सम्मानित महसूस करती है। गौर हो कि भारत ने 12 साल पहले 2011 में वानखेड़े में ही आखिरी बार विश्व कप जीता था। उस समय भी विराट टीम इंडिया के सदस्य थे और वे सचिन तेंदुलकर को कंधों पर उठाकर स्टेडियम का चक्कर लगा रहे थे। अपने प्रेरक को इससे बड़ा उपहार और क्या हो सकता है कि पूरी विनम्रता के साथ विराट कोहली ने मैच देखकर सचिन तेंदुलकर का आभार जताया।

वाकई में इस बार का विश्व कप काफी अलग है। हालांकि कोई भी टीम अपने आप में पूर्ण नहीं होती। टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में जीत हासिल कर फाइनल में जगह बना ली है और अब दूसरी टीम का इंतजार है। लेकिन टीम इंडिया को अपनी खामियों को तलाश करना होगा। सेमीफाइनल के दौरान बल्लेबाजों ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया लेकिन गेंदबाज और क्षेत्ररक्षण में जुटे खिलाडिय़ों से गलतियां हुई। फाइनल में ऐसी गलतियों की अपेक्षा नहीं की जा सकती। टीम इंडिया को अपनी जीत का यह सिलसिला जारी रखते हुए देश को इस बार विश्व कप दिलाना है। यह संभव है, पूरे देश की दुआएं उसे मिल रही हैं, बढ़ते रहो टीम इंडिया।  

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